दिल्ली विस्फोट के बाद काशी सतर्क, पर सुरक्षा इंतजामों में दिखी ढिलाई
वाराणसी (रणभेरी): दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट के बाद पूरे उत्तर भारत में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। वाराणसी में भी चौकसी बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए, मगर ज़मीनी हालात कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा तैयारियां नाम मात्र की दिखीं। वहीं, एयरपोर्ट और कचहरी परिसर में पुलिस ने अतिरिक्त सतर्कता बरती है।
एयरपोर्ट पर पांच स्तरीय सुरक्षा, पार्किंग तक निगरानी
लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मंगलवार को सुरक्षा का विशेष घेरा बनाया गया। यात्रियों की जांच पांच स्तरों पर की जा रही है। सीआईएसएफ की टीम ने टर्मिनल के भीतर और बाहर चेकिंग अभियान चलाया। पार्किंग क्षेत्र में खड़े वाहनों की गहन जांच की गई और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी गई। सीआईएसएफ कमांडेंट सूचिता सिंह ने बताया कि “हर स्तर पर जांच की जा रही है, ताकि किसी भी आशंका को समय रहते रोका जा सके।”
काशी विश्वनाथ व संकटमोचन में सामान्य व्यवस्था
श्रद्धालुओं की भीड़ रोज की तरह रही, पर सुरक्षा में कोई अतिरिक्त सख़्ती नहीं दिखी। विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार पर दोपहर तक कमांडो और सुरक्षाकर्मी तैनात रहे, मगर जांच सामान्य दिनों जैसी ही रही। भक्त पहले की तरह मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लॉकर में रखकर मंदिर में प्रवेश करते दिखे। संकटमोचन मंदिर में भी स्थिति लगभग वैसी ही रही। दो मेटल डिटेक्टरों से सामान्य जांच हुई, पर पार्किंग क्षेत्र में कोई तलाशी नहीं ली गई। उल्लेखनीय है कि इसी मंदिर में 2006 में बम धमाका हुआ था।
रेलवे स्टेशन पर रोज की हलचल, पर सजगता कम
कैंट रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन करीब 80 हजार यात्रियों का आना-जाना होता है, पर सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता सीमित नजर आई। प्लेटफॉर्म और फुटओवरब्रिज पर यात्रियों की आवाजाही बिना किसी गहन जांच के जारी रही। हालांकि बनारस और सिटी स्टेशन की पार्किंग पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान तैनात दिखे। यात्रियों से लावारिस वस्तुओं को न छूने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अपील की गई।
दशाश्वमेध घाट पर आरती और श्रद्धांजलि
शाम को दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान दिल्ली विस्फोट में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। पुलिस ने आरती स्थल पर निगरानी रखी और पर्यटकों से सावधानी बरतने की अपील की। हालांकि विश्वनाथ गली की ओर जाने वाले प्रवेश द्वारों पर चेकिंग नहीं की गई। शीतला घाट क्षेत्र में डॉग स्क्वॉड और बम निरोधक दस्ते ने जांच अभियान चलाया।
कचहरी और सारनाथ में सख़्त पहरा
कचहरी परिसर में दिनभर पुलिस की सक्रियता दिखी। कैंट इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा ने खुद चारों ओर पेट्रोलिंग की और वाहनों की तलाशी ली। एक स्कॉर्पियो वाहन से ब्लैक फिल्म और हूटर मिलने पर उसे सीज कर दिया गया। वहीं, सारनाथ क्षेत्र में भी सुरक्षा बलों ने रेलवे स्टेशन और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जांच अभियान चलाया।
नमो घाट और बीएचयू परिसर में शांति, पर सतर्कता सीमित
नमो घाट पर शाम ढलते ही सन्नाटा पसर गया। गंगा आरती के दौरान कुछ पर्यटक पहुंचे, लेकिन सात बजे के बाद घाट लगभग खाली हो गया। पुलिस ने हर गतिविधि पर नजर रखी। बीएचयू परिसर के विश्वनाथ मंदिर में सुरक्षा कर्मी तो मौजूद थे, पर कोई विशेष जांच अभियान नहीं दिखा। भीड़ सामान्य रही, लेकिन माहौल में हल्की चिंता महसूस की जा सकती थी।
दिल्ली में हुए धमाके ने वाराणसी को सजग जरूर किया, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में एक समानता नहीं दिखी। एयरपोर्ट और कचहरी में जहां सतर्कता के कड़े उपाय अपनाए गए, वहीं मंदिरों, घाटों और स्टेशनों पर यह तैयारी अधूरी रही। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह सजगता केवल औपचारिकता बनकर रह गई है, या फिर काशी की सुरक्षा व्यवस्था को वास्तव में और मजबूत करने की जरूरत है।











